Monday, October 1, 2012

ग्रहों के अपने घर (House)अर्थात 12 राशियाँ

अब हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि वो कौनसी चीज़ें हैं जों इन ग्रहों को खुश या नाराज़ करती हैं ,यह जानने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि ये खुद क्या है .जब हम दूध की property जान लेते हैं तो ये भी जान लेते है कि वो कैसे और कब खराब हो जाएगा .

ये सारे ग्रह बारह राशियों में घूमते  रहने के लिए विवश हैं .इन बारह राशियों में कोई घर House  (या कहें राशी ) तो उनका अपना होता है और कोई घर House या राशि उनके मित्र की ,कोई घर (हाउस)उनके शत्रु का होता है और या फ़िर कोई घर (House ) में उनके साथ उनका कोई मित्र बैठकर उनका मूड अच्छा रखता है तो कोई घर( House )में अपने शत्रु के साथ बैठने से इनका मूड खराब हो रहा होता है .बात इतने भर की होती तो क्या कहने हैं मगर इसके अलावा इन ग्रहों के पास जिस घर (हाउस) में बैठते हैं उस घर (House ) पर तो अपनी शक्ति प्रदर्शन का अधिकार होता ही है मगर इन सभी ग्रहों की अपनी - अपनी (कई प्रकार की शक्तियों से संपन्न )नज़र भी होती है ये अपनी नज़र   से जिस घर (House )को देखते हैं उस घर का भाव या  तो शुभ कर देते हैं या तो अशुभ कर देते हैं ,इसके अलावा ये अपनी नज़र  से जिस घर (House )को देखते हैं उस घर( हाउस) के शुभ भाव को (फल ) को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं या बुरे भाव या फल को कई गुना अधिक बुरा कर सकते हैं ,मगर ये सब उनके मूड पर निर्भर करता है ,उनका मूड कैसे बनता है और बिगड़ता है ये हम हमारे दैनिक जीवन की बातों से ही समझने की कोशिश करेंगे .यहाँ एक बात अभी पहले याद कर लेते है कि सभी नौ ग्रहों की सातवीं दृष्टी होती है ,इसका अर्थ है कि वो जिस घर(House )  में बैठे होते हैं उस घर( House )को गिनते हुए यदि हम आगे चलेंग तो जो सातवाँ घर  (House )होता है वहां उनकी सातवीं दृष्टी होती है और वो अपनी इस सातवीं दृष्टी या नज़र से अपने से सातवें घर का (House )भाव कैसे कम या ज्यादा कर रहे होते हैं हम इन ग्रहों के स्वभाव के बारे में जानेगे तो समझ जायेंगे .अभी इसी समय हमारे लिए यह भी जान लेना जरूरी है कि जिस तरह हम किसी भी घर House में रहते हैं तो हमें उस घर ( House )का कोई कमरा तो पसंद आता है और कोई बिलकुल नहीं पसंद आता ,इसी तरह जब ये नौ ग्रह किसी एक राशि में होते है तो वो राशी इनकी पसंद की होती है या नहीं मगर उस राशी के कुछ हिस्से होते हैं जों उन्हें कुछ ज्यादा या कम पसंद होते हैं वो हिस्से क्या हैं? वो हिस्से नक्षत्र हैं अर्थात हर राशी के अंतर्गत लगभग तीन नक्षत्र आते हैं उन नक्षत्रों का इन नौ ग्रहों में से ही कोई न कोई मालिक होता है और इनकी उस मालिक से कितनी बनती  है या ठनती है इसी बात पर निर्भर करता है कि उनकी उस मालिक से कैसी दोस्ती और कैसी दुश्मनी है .
अब समय है सबसे पहले यह जान लेने का कि बारह राशियाँ कौनसी हैं और उनके मालिक कौन हैं---------
1.मेष Aries -मंगल (Mars)ग्रह की राशी  या कहें उसका सौरमंडल में मंगल ग्रह का अपना और  पहला घर .
2.वृष Taurus-शुक्र(Venus) ग्रह की राशी या कहें कि  सौरमंडल में शुक्र ग्रह का  अपना और पहला घर.

3.मिथुन Gemini-बुध (Mercury) ग्रह की राशि या  कहें कि उसका सौरमंडल में बुध ग्रह का अपना और पहला घर.
4.कर्क Cancer-चन्द्रमा (The Moon ) हमारे ज्योतिष शाश्त्र में चंद्रमा  का अपना एक मात्र  घर या राशी .
5.सिंह Leo -सूर्य (The Sun) का अपना एक मात्र घर या राशी .
6.कन्याVirgo -बुध (Mercury) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में बुध ग्रह का अपना दूसरा घर जहां वो बच्चा जैसा कम और बड़ों जैसा ज्यादा रहता है .

7.तुला Libra-शुक्र (Venus) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में शुक्र ग्रह का अपना दूसरा घर जहां शुक्र  ग्रह अपनी पूरी रूमानियत को ज़िंदा रखता  है  .
8.वृश्चिक Scorpio-मंगल (Mars) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में मंगल ग्रह का अपना दूसरा घर.
9.धनु Sagittarius-बृहस्पति(Jupiter) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में अपना पहला घर.
10.मकर Capricorn -शनि (Saturn) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में अपना पहला घर.
11.कुम्भ Aquarius -शनि (Saturn) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में अपना दूसरा घर घर.
12.मीन Pisces  -बृहस्पति (Jupiter) ग्रह की राशि या उसका सौरमंडल में अपना दूसरा घर .

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